साहित्य चोरी में फंसे सहायक प्रोफेसर की Phd उपाधि छिनी, BHU की समिति की सिफारिशों पर अकादमिक परिषद की मुहर

बैठक में कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने कहा कि विभागीय शोध समिति को शोधार्थियों को पीएचडी की डिग्री प्रदान करते समय उच्च स्तर की ईमानदारी दिखानी चाहिए। रजिस्ट्रार ने कहा कि अकादमिक परिषद ने मामले में समिति की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है।

अशोक सोनकर की पीएचडी की डिग्री वापस ले ली गई है।

अशोक कुमार सोनकर ने 2010 में "गढ़वाल वंश और उनका सांस्कृतिक अध्ययन" शीर्षक से शोध पूरा किया।

इसके आधार पर वह बीएचयू में सहायक प्रोफेसर नियुक्त हुए। इसे भी पढ़ें-17 दिन बैंड बाजा-बारात से मचेगा धमाल, फिर खरमास बाद गूंजेगी शहनाईबीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय इतिहास विभाग के सहायक प्रोफेसर अशोक कुमार सोनकर ने बताया कि 6 साहित्य चोरी का नियम 2018 में आया है, मैंने रिसर्च पेपर 2010 में जमा किया था।

2019 से शोध प्रबंध की जांच आकुंड साफ्टवेयर से की जाती है। कहा कि 2020 में मेरे शोध का परीक्षण कराया गया था।

अगर कापी मिलती भी है तो 10 प्रतिशत तक छूट है।

मेरे मामले में सात प्रतिशत कापी मिली है फिर भी मेरी नहीं सुनी गई।

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