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वाराणसी के घाटों पर उफनाता सीवर बता रहा गंगा सफाई की हकीकत, मणिकर्णिका से गंगा में जा रही गंदगी
- न्यूज़
- Monday | 25th November, 2024
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गंगा निर्मलीकरण के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च बनारस में गंगा निर्मलीकरण अभियान के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं।
स्वच्छ गंगा मिशन (नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा-एनएमसीजी) के तहत पानी गंगा-वरुणा में सीधे सीवर का पानी रोकने के लिए गोईठहां, दीनापुर, रमना, रामनगर, भगवानपुर, बीएलडब्ल्यू व बीएचयू में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया गया है।
कैथी धाम का पर्यटन विकास गंगा की रेत में दबा कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिए चंदौली के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय के प्रयास से लगभग 20 करोड़ से अधिक धनराशि खर्च कर गंगा-गोमती नदी किनारे घाट व पाथवे का निर्माण किया गया था।
बाढ़ का पानी उतरने के बाद घाट व पाथवे गंगा की रेत से ढक गए हैं।
स्थिति यह है कि गंगा नदी का पानी कम होने के बावजूद करोड़ों रुपये खर्च कर बनीं सीढ़ियां रेत से अब भी ढकी पड़ी हैं।
इसकी सफाई के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया।
इससे स्थानीय लोगों व श्रद्धालुओं में रोष है। मार्कंडेय महादेव धाम के पर्यटन विकास के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय के अथक प्रयास से विभिन्न परियोजनाओं के तहत 50 करोड़ से अधिक खर्च कर धाम क्षेत्र का पर्यटन विकास किया गया।
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