कई वर्षों बाद बन रहा 13 दिनों का `प्रलयकारी` आषाढ़ कृष्ण पक्ष, मांगलिक कार्य रहेंगे वर्जित; हो सकती हैं बड़ी घटनाएं

वेदों में भी कहा गया है कि अनेक युग सहस्त्रयां दैवयोत्प्रजायते त्रयोदश दिने पक्ष स्तदा संहरते जगत।

अर्थात् दैवयोग से कई एक युगों में तेरह दिन का पक्ष आता है।

इस संयोग में प्रजा को नुकसान, रोग, मंहगाई व प्राकृतिक प्रकोप, झगड़ों का सामना करना पड़ सकता है। राजसत्ता पर आ सकती है विपत्ति बीएचयू के ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय बताते हैं कि 13 दिनों के पक्ष के चलते राजसत्ता पर विपत्ति आ सकती है या विपत्ति का आरंभ हो सकता है।

13 दिनों के पक्ष के चलते प्रजा को नुकसान, रोग संक्रमण, महामारी, महंगाई, प्राकृतिक आपदा, लड़ाई झगड़ा, विवाद बढ़ने की आशंका होती है।

अतिवृष्टि, अनावृष्टि, राजसत्ता का परिवर्तन, विप्लव, वर्ग भेद आदि उपद्रव होने की संभावना पूरे वर्ष बनी रहती है। कहा जाता है कि जब भी 13 दिन का पक्ष आता है तब भूकंप समेत कई अप्रिय घटनाएं होती हैं।

ज्योतिष के अनुसार इन्हीं 13 दिनों में भविष्य की विनाशकारी घटनाओं की नींव पड़ती है।

बृहत्संहिता में कहा गया है कि शुक्ले पक्षे संप्रवृद्धे प्रवृद्धि ब्रह्मक्षत्रं याति वृद्धि प्रजाश्च, हीने हानिस्तुल्यता तुल्यतानां कृष्णे सर्वं तत्फलं व्यत्ययेन (4/31)।

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