Varanasi News: आठ साल से मुख्य श्वास नली में अटकी थी चवन्नी, BHU के डॉक्टरों ने 20 मिनट में निकाला

डा. सिद्धार्थ ने बताया कि वयस्कों में मजबूत कफ रिफ्लेक्स की उपस्थिति के कारण वस्तुओं का श्वास नली यानी फेफड़ों तक हवा पहुंचाने वाली मुख्य नली में जाना बहुत ही असामान्य बात है जबकि बच्चों में यह आम बात है। इसे भी पढ़ें-एक दशक से गोरखपुर में चलता था चवन्नी का सिक्का, दिनदहाड़े चौराहों पर बरसता था गोलियां आठ वर्षो तक कोई बाहरी वस्तु मुख्य श्वास नली में पड़ी रहे, ऐसी घटना बहुत ही कम सुनने को मिलती है, वह भी वयस्कों में।

पहले भी ऐसा एक मामला आया था, जिसमें गोदरेज आलमारी की चाबी 10 साल से पड़ी हुई थी, उसे भी सफलतापूर्वक निकाला गया था। इसे भी पढ़ें-यूपी में मानसून दिखाएगा अपना असली रुप, गोरखपुर-बरेली सहित 65 जिलों में खूब बरसेंगे बादल, जून की कमी होगी पूरी जीवन के लिए हो सकता था खतरा डा. लाखोटिया ने बताया कि शरीर में वाह्य वस्तु का दीर्घकाल तक पड़े रहना जीवन के लिए खतरा हो सकता है।

इससे रोगी का दम घुट सकता है, फेफड़े खराब हो सकते हैं या फिर सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

इससे रोगी की मौत भी हो सकती है। आपरेशन में मुख्य भूमिका निभाने वाली एनेस्थिसियोलाजिस्ट डा. अमृता ने बताया कि ऐसी प्रक्रियाओं के लिए बहुत उच्च स्तर की सटीकता की आवश्यकता होती है।

थोड़ी सी भी त्रुटि जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकती है। कार्डियोथोरेसिक सर्जन डा. रत्नेश ने बताया कि वयस्कों की सांस की नली से वस्तुएं निकालने की यह एडवांस्ड रिगीद ब्रोंकोस्कोप तकनीक पूर्वी उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों मे केवल आइएमएस, बीएचयू में ही उपलब्ध है।

यदि कोई व्यक्ति मुंह में कुछ भी रखकर सोता है या शराब और नशीली दवाओं के प्रभाव में अर्ध-चेतन अवस्था में होता है तो सांस की नली में वाह्य वस्तु के जाने की संभावना बढ़ जाती है।

टीम में स्टाफ के त्रिवेंद्र त्यागी, आनंद कुमार, ओम प्रकाश, बैजनाथ पाल, विकास एवं संजय भी शामिल थे। ।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।