Sharad purnima 2024: शरद पूर्णिमा की रात आज होगी अमृत की बरसात, यहां पढ़‍िए धार्मिक महत्व

चंद्रमा किरणों में औषधीय गुण, करें खीर का सेवन  संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा के अनुसार शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा या कमला पूर्णिमा भी कहा जाता है।

इसका धार्मिक, आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक महत्व गहरा है।

तिथि विशेष को धार्मिक क्रियाओं, उपासना और साधना के लिए पवित्र माना जाता है।

यह पर्व प्रेम, भक्ति, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति का प्रतीक है।

धार्मिक रूप से, यह भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला, देवी लक्ष्मी की कृपा, और चंद्रमा की पूजा से जुड़ा है। ज्योतिषीय मान्यता है कि शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा षोडश कलाओं से युक्त होता है।

उसकी किरणों से अमृत वर्षा होती है।

इस विशेषता के कारण प्रभु श्रीकृष्ण ने इसे रासोत्सव के लिए उपयुक्त माना।

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