गंगा समेत बेहद अम्लीय नदियों को निर्मल बनाने के लिए आइआइटी-बीएचयू के युवा वैज्ञानिकों ने बेहद सरल, कारगर और सस्ती तकनीक इजाद की है

वाराणसी, आइआइटी-बीएचयू में धान की भूसी व आयरन से एक ऐसा पाउडर (एडजार्वेंट) तैयार किया है, जिससे गंगा में अपशिष्ट पदार्थों और भारी धातु व आयनों जैसे विषाक्तों को खत्म किया जा सकेगा।

दरअसल गंगा में ही हेक्सावलेंट क्रोमियम (क्रोमियम-6) पाए जाते हैं, जो कैंसर, किडनी व लीवर फेलियर जैसे जानलेवा रोगों को जन्म देते हैं।

इस पाउडर के उपयोग से जल में मौजूद हानिकारक हेक्सावलेंट क्रोमियम को क्रोमियम-3 में परिवर्तित किया जा सकता है।

इससे उसकी विषाक्तता खत्म हो जाती है।

यह शोध प्रख्यात जर्नल आफ एनवायर्नमेंटल केमिकल इंजीनियरिंग में प्रकाशित हो चुका है।

पीएचडी छात्रों ने खोजी तकनीक यह इको-फ्रेंडली एडजार्वेंट संस्थान के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग विभाग में डा. विशाल मिश्रा और उनके मार्गदर्शन में पीएचडी छात्रों वीर सिंह और ज्योति सिंह ने तैयार किया है।

डा. विशाल मिश्रा ने बताया कि एक लीटर पानी में एक ग्राम पाउडर के उपयोग से ही क्रोमियम तत्काल अवशोषित हो जाता है।

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