Kashi Vishwanath Mandir: बाबा विश्वनाथ के आंगन में बेगाने हो गए बनारसी, कांग्रेस पहले से कर रही यह डिमांड

नेमियों के लिए सालाना 3500 रुपये में स्मार्ट कार्ड भी कमाई के फेर में अपने उद्देश्य से भटक गया।

ऐसे में स्थानीय श्रद्धालु कतार में चार-पांच घंटे बेजार नजर आते हैं या मंदिर प्रशासन को कोसते आसपास के किसी अन्य शिवालय निकल जाते हैं।

बाबा का स्मरण कर दूध-जल अर्पित कर भाव अर्पित कर आते हैं। इसे भी पढ़ें-आगरा में सताएगी लू, सबसे ज्‍यादा गर्म रहा प्रयागराज, जानिए आज कैसा रहेगा यूपी का मौसम धाम को नव्य-भव्य स्वरूप देने के समय ही स्थानीयजनों के लिए अलग द्वार का भरोसा दिया गया था।

इस निमित्त पिछले साल जुलाई में मंदिर कार्यपालक समिति के अध्यक्ष मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के संयोजन में न्यासियों व अधिकारियों-कर्मचारियों के भरे-पूरे प्रतिनिधिमंडल ने महाकाल मंदिर का भ्रमण किया था। वहां की सुविधाओं का अध्ययन के साथ ही स्थानीयजनों के लिए सिर्फ आधार कार्ड दिखा कर सीधे दर्शन के लिए जाने के लिए बनाए गए अवंतिका द्वार के बारे में भी जान-समझ लिया था।

इसकी रिपोर्ट के आधार पर व्यवस्थाएं यहां भी लागू की जानी थीं, लेकिन काशी द्वार का तो पता नहीं लेकिन महाकाल मंदिर की तर्ज पर वीआइपी दर्शन के लिए 300 रुपये की सशुल्क व्यवस्था जरूर समृद्ध कर दी गई। मंदिर में नियमित दर्शनार्थियों का 3500 रुपये सालाना का स्मार्ट कार्ड बाहरियों तक को बांटने के आरोप लगते हैं।

इसमें भी नेमी बाबा से जुड़े पर्व-उत्सव पर बंदिशों में बांध दिए गए।

अजीत गुप्ता, प्रमोद सिंह, राधे यादव, अजीत मुनी, सविता मिश्रा जैसे नेमी इसे भी सिर्फ कमाई का आधार बताते हैं।

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