Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट करके जिंदगी भर की कमाई साइबर ठगों ने उड़ाई, पढ़ि‍ए बचाव के तरीके

इसे भी पढ़ें-प्राकृतिक मेंथा आयल होगा सस्ता, सिंथेटिक महंगा; किसानों व कारोबारियों को मिलेगी बड़ी राहत ऐसे बनाते हैं लोगों को शिकार टेलिकॉम रेगुलेटरी अथार्टी का कर्मचारी बनकर फोन करते हैं और क्राइम ब्रांच के अधिकारी से बात कराने को कहते हैं पुलिस अधिकारी बनकर बात करते हैं और आपराधिक गतिविधि में शामिल होना बताकर गिरफ्तारी का डर दिखाते हैं वीडियो कालिंग पर पुलिस की वर्दी पहने नजर आते हैं डिजीटल अरेस्ट करते हुए घर के ही अंदर रहने की धमकी देते हैं डराकर बैंक खातों का जानकारी लेकर उनको चेक करते हैं जो रुपये बैंक खातो में उनकी जांच के लिए खुद के संचालित बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं। डरें नहीं पुलिस की लें मददडीसीपी क्राइम ब्रांच प्रमोद कुमार का कहना है कि को पुलिस बनकर फोन काल करे और अपराध में शामिल होना बताकर गिरफ्तारी की बात करता है तो घबराएं नहीं।

उसकी बातों की जांच करें।

कोई भी डर दिखाने पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें।

अपने रुपये उनके बताए बैंक खातों में ट्रांसफर नहीं करें।

किसी तरह की गड़बड़ी महसूस होने पर स्थानीय पुलिस की मदद लें। गिरफ्तारी का डर दिखाकर इनके साथ हुई साइबर ठगी रथयात्रा स्थित अमलताश अपार्टमेंट में रहने वाली शिक्षिका शम्पा रक्षित से तीन करोड़ 55 लाख रुपये मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के मड़ौली निवासी अमिताभ श्रीमनी से 40 लाख रुपये भेलूपुर थाना क्षेत्र के सोनारपुरा निवासी निहार पुरोहित से 29 लाख शिवपुर के तरना निवासी सुभाष सिंह से 19 लाख रुपये चितईपुर थाना क्षेत्र के सुसुवाही निवासी राम नरेश सिंह से साढ़े दस लाख रुपये आइएमएस बीएचयू के डिपार्टमेंट आफ रेडियोथेरिपी में तैनात डा. साश्वती साहू से पांच लाख रुपये चितईपुर थाना क्षेत्र के विवेकानंद नगर में रहने वाली जया झा से एक लाख 40 हजार रुपये कैंट थाना क्षेत्र के भुवनेश्वर नगर कालोनी निवासी सेवानिवृत्त सहायक चंकबंदी अधिकारी सुधीर सिंह परमार से 38 लाख रुपये बड़ागांव के अहरक निवासी हंसराज सिंह से साढ़े आठ लाख रुपये इसे भी पढ़ें- कुशीनगर में शराब के साथ सपा नेता समेत तीन अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार, बिहार ले जाने की थी तैयारी सजगता से ही होगा बचाव इंटरनेट मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें लोगों से आनलाइन चैटिंग के दौरान भी प्रयास करें की वह सार्वजनिक न हो किसी भी अनजान व्यक्ति के फोन काल पर अपने बारे में जानकारी न दें अनजान मेल, मैसेज के जरिए मिले किसी प्रलोभन, सूचना की जांच जरूर कर लें ठगी का शिकार होने पर तत्काल यहां करें शिकायत 7839856954-हेल्पलाइन साइबर सेल (वाराणसी) 1930- साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर केंद्रीय गृह मंत्रालय का एनसीसीपीआर-नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ।

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