BHU अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही हद से पार, बायोमेट्रिक अटेंडेंस से परहेज; अब भरना पड़ा लाखों का जुर्माना

आइएमएस में करीब आठ सौ डाक्टर पंजीकृत हैं, इसमें प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट, रेजिडेंट व जूनियर रेजिडेंट शामिल हैं। मनमानी पर उतरे चिकित्सक नेशनल मेडिकल काउंसिल वर्ष 2012 से प्रयासरत है कि चिकित्सा विज्ञान संस्थान में बायोमेट्रिक उपस्थिति व्यवस्था को शत प्रतिशत लागू किया जाए।

सिर्फ 500 डॉक्टर ही इस सांचें में खुद को ढाल पाए हैं, बाकी चिकित्सक मनमानी पर उतर चुके हैं।

प्रकरण में आइएमएस भी सीधी कार्रवाई से बच रहा है। बीएचयू अस्पताल के 20 से अधिक विभागों में एईबीएएस (आधार इनेबल्ड बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस सिस्टम) मशीनें इंस्टाल हो चुकी हैं।

ऐसे में नए सिस्टम को लागू कराना आइएमएस के लिए चुनौती से कम नहीं है। कॉलेज ऑफ नर्सिंग में फंसा भुगतान का पेंच आइएमएस के निदेशक कार्यालय पर अटेंडेंस मशीन लगी है, लेकिन बीएचयू अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी में कई जगहों पर मशीन नहीं लग सकी है।

आयुर्वेद विभाग में मशीनों का इंस्टालेशन अब शुरू हुआ है।

कालेज आफ नर्सिंग में एनएमसी की सेवा प्रदाता कंपनी ने विश्वविद्यालय की शर्तों के अनुसार मशीन उपलब्ध कराने से इन्कार कर दिया है।

उसे अग्रिम भुगतान किया जाना है लेकिन बीएचयू चाहता है कि कंपनी अपना काम पूरा करे और बिल जमा करे, इसके बाद भुगतान किया जाएगा। जांच में मिली थी गड़बड़ी प्रदेश भर के मेडिकल कालेजों को एमबीबीएस की सीटों पर दाखिले से पहले नेशनल मेडिकल काउंसिल से मान्यता लेनी होती है।

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