BHU News: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के चार ख्यात सेंटर बंद, दो का विलय; बवाल के बाद लिया गया निर्णय

बीएचयू के रजिस्ट्रार प्रो. अरुण कुमार सिंह ने अकादमिक परिषद की बैठक में समिति की सिफारिशें प्रस्तुत करते हुए कहा कि विवि से संबंधित अध्यादेशों की डी.लिट और डी.एससी डिग्री में कठोरता का अभाव है और यह पीएचडी डिग्री से भी उच्च है।

दोनों डिग्री के लिए पंजीकृत उम्मीदवार पंजीकरण के बाद एक वर्ष के भीतर थीसिस जमा करता है, जो किसी भी प्रभावशाली शोध परिणाम के लिए बहुत कम अवधि है। इसे भी पढ़ें-महाकुंभ में दिखेगा समूह की महिलाओं का हुनर, वोकल फॉर लोकल पर जोरपरिषद की तरफ से बंद-विलय हुए केंद्र और कथित कारण 1 : अनुवाद अध्ययन केंद्र, कला संकायकारण : सरकारी अनुदान बंद हो गया है, लंबे समय से कोई बड़ी गतिविधि नहीं होने के कारण बंद किया गया।2 : नेपाल अध्ययन केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकायकारण : अंतरराष्ट्रीय संबंध और कूटनीतिक पहलुओं को देखते हुए केंद्र को राजनीति विज्ञान विभाग में विलय जाएगा। 3 : राज्य सरकार और संघवाद केंद्र, राजनीति विज्ञान विभागकारण : लंबे समय से कोई गतिविधि नहीं हुई है, इसलिए केंद्र को बंद कर दिया जाए।4 : जनसंख्या अध्ययन केंद्र, सांख्यिकी विभाग कारण : इसकी शुरुआत जनसांख्यिकी अनुसंधान केंद्र के रूप में हुई थी।

वर्तमान में यह केवल सांख्यिकी पर केंद्रित एकल अनुशासन केंद्र है।

केंद्र के अनुसंधान-कार्य समूह के सभी छह सदस्य सांख्यिकी विभाग से हैं।

यह अपनी कोई वार्षिक रिपोर्ट नहीं निकालता है और इसकी गतिविधियों को सांख्यिकी की विभागीय रिपोर्ट में प्रस्तुत किया जाता है।

इसलिए केंद्र को बंद करते हुए सांख्यिकी विभाग में विलय किया जाए। 5 : खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र कारण: इसका नाम बदलकर खाद्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कर दिया गया है, इसलिए केंद्र को बंद कर दिया गया है। ।

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