झारखंड में BJP की हार के पीछे 3 बड़ी वजह, बौखलाए कार्यकर्ता ने कहा- प्रभारियों के होटल का बिल देख लिया जाए तो...

प्रभारियों के चयन में सामाजिक समीकरण का ख्याल भी नहीं रखा गया।

गुमला लोहरदगा जैसे जिले के लिए एक ब्राह्मण प्रभारी कितने उपयोगी होंगे इसपर कोई विमर्श पार्टी ने किया ही नहीं। किसी चेहरे के बिना जाने का भी नुकसान हुआझामुमो की तरफ से कल्पना सोरेन ने 98 सभाएं की।

हेमंत सोरेन लगभग सभी क्षेत्र में गए।

लेकिन भाजपा के बड़े आदिवासी नेता बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, चंपई सोरेन अपने ही क्षेत्र में सिमटे रहे।ओबीसी मतदाताओं को भी पार्टी ने प्रदेश के किसी बड़े नाम के जरिए साधने की कोशिश नहीं की।

जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सभाओं में लगातार ओबीसी समाज की एकजुटता की बात करते रहे। भाजपा कार्यकर्ता किसी महिला नेता को प्रचार अभियान में नहीं देख पाए।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि कल्पना सोरेन के सामने केंद्रीय नेतृत्व ने स्मृति इरानी या बांसुरी स्वराज को भेजा होता तो इसका असर होता।यह भी पढ़ें-Hemant Soren New Cabinet: हेमंत कैबिनेट में RJD कोटे से कौन बनेगा मंत्री? रेस में 3 नेता, लालू लेंगे आखिरी फैसला Hemant Soren New Cabinet: हेमंत सोरेन की नई सरकार में मंत्री पद के लिए कौन-कौन लेगा शपथ? आ गई नई LIST, यहां देखें ।

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