Raghubar Das: क्या झारखंड की सियासत में वापसी करेंगे रघुवर दास, हिमंत सरमा की मुलाकात से अटकलें तेज

रघुवर दास के समर्थकों का कहना है कि एक नैरेटिव बनाकर उन्हें राज्य की राजनीति से दूर किया गया।

पार्टी से जुड़े ऐसे कई नेता हैं, जो अतीत में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं और उनके कार्यकाल पर भी सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में उन्हें पूरी तरह अलगथलग करने का गलत संदेश जा रहा है।

रघुवर दास ने कभी दलीय मर्यादा की सीमा नहीं लांघी।

उन्हें चुनाव से दूर करने से समर्थकों में निराशा स्वाभाविक है। परंपरागत सीट पर तालमेल भी असहज करने वाली रघुवर दास के समर्थकों के लिए यह स्थिति भी असहज करने वाली है कि उनके परंपरागत जमशेदपुर पूर्वी सीट पर चिर प्रतिद्वंद्वी सरयू राय की दावेदारी एनडीए गठबंधन के तहत है। राजनीति के चतुर खिलाड़ी सरयू राय ने जदयू में शामिल होकर भाजपा पर दबाव बनाने में कामयाबी हासिल की है। भाजपा से बगावत कर सरयू राय ने पिछला विधानसभा चुनाव जमशेदपुर पूर्वी सीट से लड़कर जीत हासिल की थी।

रघुवर दास इस सीट से लगातार पांच बार निर्वाचित हुए हैं। ऐसी परिस्थिति में तालमेल के तहत यह सीट जदयू के खाते में जाने की अधिक संभावना से उनके समर्थकों की नाराजगी बढ़ सकती है। यह भी पढ़ें: झारखंड की सियासत में चिराग पासवान की एंट्री, हेमंत सोरेन के खिलाफ भरी हुंकार; कहा- यहां बने LJP आर समर्थित सरकार कल्पना SC सीट से क्यों नहीं लड़ सकतीं चुनाव? हेमंत सोरेन के नहले पर असम CM का दहला; पूछ लिया मुश्किल सवाल ।

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