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Jharkhand Result: झारखंड में BJP की हार का गुनहगार कौन? पूरे चुनाव में पार्टी ने इस बात का नहीं रखा ध्यान
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- Wednesday | 27th November, 2024
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दशकों पहले बिहार-उत्तर प्रदेश से रोजी-रोजागर के चक्कर में आए और यहीं के होकर रह गए।
भाजपा में इनका भी सुनने वाला कोई नहीं बचा।
भाजपा में जिन्हें फ्रंट पर रखना चाहिए था उन्हें पर्दे में रखा गया और वैसे नेता मोर्चे पर दिख रहे थे, जिनका कोई आधार नहीं है। नया नेतृत्व भी उभारा जा सकता थाअगर रणनीति बनाई जाती तो नया नेतृत्व भी उभारा जा सकता था।
हेमंत सोरेन को संताल में ही अच्छी चुनौती देने के लिए एडवर्ड सोरेन जैसा चेहरा है, जो दो दशक से भाजपा में सक्रिय हैं और विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अतिरिक्त भी प्रत्येक साल आदिवासी समुदाय से दर्जनों नेता निकलते हैं, जिन्हें कुछ समय बाद हाशिये पर ढकेल दिया जाता है।पराजय की पड़ताल के लिए रांची में शनिवार से बड़े स्तर पर बैठ रही भाजपा को अगर सही समीक्षा तक पहुंचना है तो बहुत गहराई में जाना होगा। बैठक सार्वजनिक बुलाई गई है, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी रहेंगे और संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह भी रहेंगे।
पार्टी के सूत्रों का मानना है कि सच्चाई जाननी है तो फिर अलग अलग लोगों से अलग बात होनी चाहिए।
कमजोरी तभी बाहर आएगी और भविष्य के लिए भाजपा तैयार हो पाएगी।यह भी पढ़ें- Jharkhand Opposition Leader: कौन होगा झारखंड का नेता प्रतिपक्ष? रेस में 4 दावेदार, ये है भाजपा की प्लानिंग Hemant Soren Oath Ceremony: अकेले शपथ लेंगे हेमंत सोरेन, समय तय; इस वजह से फाइनल नहीं हो सके मंत्री ।
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