- होम >>
Bhoramdeo Sanctuary: तितलियों के स्वर्ग भोरमदेव अभयारण्य संग जलाशयों के साथ कीजिए मंदिरों के भी दर्शन
- न्यूज़
- Friday | 5th July, 2024
352 वर्ग किलोमीटर में फैला है भोरमदेव अभयारण्य 352 वर्ग किलोमीटर में फैला भोरमदेव वन्य प्राणी अभयारण्य मोर, किंगफिशर, बायसन, चीतल, नीलगाय जैसे वन्यजीवों, पक्षियों और दुर्लभ वनस्पतियों का प्राकृतिक आवास है।
यहां सात एकड़ में तितलियों का बसेरा है।
वन मंडल अधिकारी शशि कुमार ने बताया कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां तितलियों का संसार देखने को मिलता है। 200 से अधिक तितलियों के होने का अनुमान उन्होंने बताया कि ऑरेंज आकलीफ तितली जब पंख बंद रखती है तो सूखी पत्ती के समान दिखती है और पंख खुलने पर काला, नारंगी, गहरा नीले रंग वाले पंख सभी को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करने लगते है।
वे कहते हैं कि यहां 200 से अधिक तितलियों के होने का अनुमान है।
अभयारण्य क्षेत्र के जामुनपानी और प्रतापगढ़ में जंगल सफारी कर पर्यटक वन्यप्राणियों को देखने जा सकते हैं। 18 किमी दूर भोरमदेव मंदिर परिसर कवर्धा शहर से 18 किमी दूर स्थित भोरमदेव मंदिर परिसर भगवान शिव को समर्पित चार हिंदू मंदिरों का एक समूह है।
हजारों वर्ष पुराने इन मंदिरों को छत्तीसगढ़ का खजुराहो भी कहा जाता है।
यहां मंडवा महल, छेरकी महल सहित अन्य मंदिरों की नक्काशी देखने लायक है।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
अन्य रायपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।