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छत्तीसगढ़: बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने नई दिल्ली में उठाई आवाज, केंद्र के समर्थन और राज्य सरकार की योजनाओं पर जताया भरोसा
- न्यूज़
- Friday | 20th September, 2024
महिला ने माओवादी धमाके में खोया पैर और सहारा दंतेवाड़ा की भीमे मरकाम, जो अपने परिवार का पालन-पोषण पशुपालन से कर रही थीं, 9 नवंबर 2016 को माओवादी IED धमाके की शिकार हो गईं।
इस हादसे में उन्होंने अपना बायाँ पैर खो दिया और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं।
भीमे के लिए यह हादसा एक बहुत बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए मुख्य सहारा थीं।
अब वह अपने जीवन और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सहायता का भरोसा दिया है, लेकिन इस घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। यात्रियों पर माओवादी हमला: 15 ग्रामीणों की मौत 17 मई 2010 को माओवादियों ने एक यात्री बस पर हमला किया, जिसमें 15 निर्दोष ग्रामीण मारे गए और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
सुकमा जिले के निवासी दुधी महादेव इस हमले में अपने दाहिने पैर से हाथ धो बैठे।
अन्य घायल यात्रियों में ममता गोरला भी थीं, जिनके शरीर पर गहरे घाव आए।
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