2 दिनों तक सेवानिवृत्त प्रोफेसर को बनाए रखा डिजिटल अरेस्ट, भेजते रहे फर्जी नोटिस; पटना में 3.06 करोड़ की ठगी

वे कभी पुलिसकर्मी, कभी अलग अलग एजेंसी के अधिकारी बनकर बात कर रहे थे।

बैंक खातों की जांच के नाम पर कई तरह की जानकारी हासिल करने के बाद उनके खाते से रकम अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराते रहे। इधर पीड़िता द्वारा साइबर थाने में केस किया गया है।

इसके बाद वह परिवार के पास चली गई हैं।

साइबर थाना की पुलिस अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए बैंक डिटेल सहित अन्य जानकारी जुटा रही है। क्या है डिजिटल अरेस्ट यह साइबर अपराधियों द्वारा ब्लैकमेल कर उगाही करने एक एडवांस तरीका है।

हाल के दिनों में इस तरह के अधिकांश मामलों में पीड़ित ज्यादातर पढ़े लिखे लोग थे।

कोई आपको ऑनलाइन धमकी देकर वीडियो कालिंग के जरिए आप पर नजर रख रहा है।

डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर अपराधी नकली पुलिस अधिकारी बनकर धमकाते हैं और अपना शिकार बनाते हैं।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।