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यमुना प्राधिकरण में फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा, करोड़ों के आवासीय भूखंड हथियाने का ऐसा चला खेल
- न्यूज़
- Thursday | 3rd October, 2024
निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर होता है प्रमाण पत्र जारी प्रमाण पत्र जारी करने से पहले संबंधित विभाग के सूचना पर नियोजन विभाग की टीम मौके पर जाकर कराए गए निर्माण की जांच करती है।
नियोजन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर प्रमाण पत्र जारी होता है, लेकिन इस मामले में कोई निरीक्षण नहीं किया।
जिन दस क्योस्क के लिए क्रियाशील प्रमाण पत्र जारी किए गए, उसमें से केवल एक का ही निर्माण हुआ है, शेष क्योस्क की जगह अभी खाली जमीन पड़ी है। मई से अगस्त के बीच की तारीख के जारी किए गए प्रमाण पत्र क्योस्क योजना के आवंटियों को मई से लेकर अगस्त के बीच क्रियाशील प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं।
प्राधिकरण की आवासीय भूखंड योजना पांच जुलाई को निकाली गई थी।
इस योजना में आवेदन के लिए 23 अगस्त अंतिम तिथि थी।
अगस्त में जारी क्रियाशील प्रमाण पत्र 16 तारीख को जारी किया गया था।
इसलिए आवंटी ने आवासीय भूखंड योजना में आरक्षण का लाभ लेने के लिए आवेदन कर दिया। ऐसे बन जाते हैं दो हजार वर्गमीटर के भूखंड के मालिक प्राधिकरण की 361 आवासीय योजना में 120 वर्गमीटर से लेकर दो हजार वर्गमीटर तक के आवासीय भूखंड हैं।
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