बालकनी में रखे गमलों में युवक ने बोए थे विदेशी बीज, ऑनलाइन माल बेच हुआ मालामाल... पुलिस पहुंची तो खुल गया `खेल`

बीज को गमलों में बोकर पौधे तैयार किए थे।

पुलिस के अनुसार एक पौधा तैयार होने में 110 दिन लगते हैं।

वह गांजा तैयारकर डार्क वेबसाइट के माध्यम से बेचता था। कौन है आरोपी राहुलआरोपी राहुल चौधरी अंग्रेजी विषय से परास्नातक है। राहुल इंटरनेट का अच्छा जानकार है।

पहले उसने इंटरनेट एवं सोशल मीडिया के माध्यम से गांजा के पौधों की खेती करनी सीखी।विदेशी वेबसाइट सीड्समैन के माध्यम से ऑनलाइन ऑर्डर कर गांजा के बीज को आयात किया। इस खरीद का भुगतान उसने पे-पाल एप के माध्यम से किया। फ्लैट में लाइटों से की धूप की व्यवस्थाराहुल ने अपने फ्लैट में एयर कंडीश्नर की मदद से फुल स्पेक्ट्रम प्लांट ग्रोइंग लाइट की सहायता से गांजा के बीजों को गमलों में बोकर कर पौधे तैयार किए।

इन्हीं लाइटों से वह पौधों के लिए जरूरी सूरज की रोशनी की आपूर्ति करता था।पुलिस ने जानकारी दी कि बीज, खाद, रसायन, कीटनाशक, बिजली आदि की कुल लागत लगाकर एक पौधे पर करीब 05 से 07 हजार रूपये का खर्च आता था।  डार्क वेब पर तैयार कर रखा था मार्केटएक पौधे से करीब 30 से 40 ग्राम गांजा प्राप्त हो जाता था।

पुलिस ने बताया कि डार्क वेब पर जिसकी कीमत 60 से 80 हजार रुपये के बीच लगती थी।राहुल ने डार्क वेब पर अपना गांजा बेचने का मार्केट तैयार कर लिया था।

वह डार्क वेब के माध्यम से अपने ग्राहकों तक इसकी आपूर्ति करता था।

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