ग्रेटर नोएडा में दो बिल्डरों के प्लॉट आवंटन निरस्त, क्या फ्लैट खरीदारों पर पड़ेगा इसका असर?

बिल्डर परियोजना और सुरक्षा रियल्टी से संबंधित था अहम प्रस्ताव चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में हुई 81वीं बोर्ड बैठक में नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम, ग्रेनो प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि कुमार, यीडा सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा समेत अन्य बैठक में सबसे अहम प्रस्ताव बिल्डर परियोजना और सुरक्षा रियल्टी से संबंधित था। यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि यीडा क्षेत्र में नौ बिल्डर परियोजना व छह सबलेसी परियोजना हैं।

शासन ने अधूरी बिल्डर परियोजना को पूरा कराने एवं खरीदारों को घरों पर कब्जा देने के लिए अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को लागू किया है। चार बिल्डरों ने लाभ के लिए किया है आवेदन नौ में से चार बिल्डरों ने समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है, एटीएस पर बकाया राशि की गणना गलत होने के कारण उसे 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने के लिए साठ दिन का समय दिया है।

दो बिल्डर का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सुपरटेक बिल्डर के सेक्टर 22 डी व सन वर्ल्ड बिल्डर के 100-100 एकड़ के आवंटन को निरस्त करने का फैसला हुआ है।

दोनों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। परियोजना में फ्लैट खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखते हुए उनसे जुड़े प्लॉट का आवंटन रद्द नहीं किया गया है।

सभी छह सबलेसी भी समिति की सिफारिशों का लाभ लेने के लिए आवेदन कर चुके हैं। सुरक्षा रियल्टी से संबंधित प्रस्ताव पर शासन करेगा फैसला जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर चुकी सुरक्षा रियल्टी से संबंधित प्रस्ताव को बोर्ड ने शासन को भेजने का फैसला किया है।

शासन अगर इसे स्वीकार करता है तो एनसीएलएटी के फैसले को लागू कर दिया जाएगा, अन्यथा इसके खिलाफ न्यायालय में अपील की जाएगी। इस फैसले से बीस हजार फ्लैट खरीदार व दस हजार किसान सीधे जुड़े हैं।

यमुना प्राधिकरण ने सुरक्षा रियल्टी से 6111 करोड़ रुपये का दावा किया था।

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