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ओखला का 100 वर्ष पुराना वट वृक्ष होगा गौतमबुद्ध नगर की विरासत का प्रतीक, वन विभाग ने शुरू की पहल
- न्यूज़
- Tuesday | 2nd July, 2024
तीन पेड़ चिह्नित किए गए डीएफओ प्रमोद श्रीवास्तव ने बताया कि इनमें ओखला पक्षी विहार में बरगद का एक पेड़ और अच्छेजा में बरगद व पीपल के दो पेड़ शामिल हैं। तीनों पेड़ों का संरक्षण और संवर्धन किया जा रहा है।
शुरुआत में ओखला में विरासत वृक्ष वाटिका बनाने की पहल की जा रही है।
अन्य दो जगहों पर विरासत वाटिका बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। हालांकि तीनों जगहों पर वन विभाग से इतर गांव के लोग भी पुरातन पेड़ों का संरक्षण कर रहे हैं।
गांव के लोग परंपरागत रूप से बरगद की पूजा कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने तथा सांस्कृतिक व भावनात्मक रूप से जुड़े होने के कारण पेड़ों की सुरक्षा व देखरेख कर रहे हैं। यह हैं विरासत पेड़ पेड़ का नाम उम्र स्थान बरगद 100 वर्ष मारीपत रेलवे स्टेशन, गांव अच्छेजा पीपल 100 वर्ष मारीपत रेलवे स्टेशन, गांव अच्छेजा बरगद 100 वर्ष ओखला पक्षी विहार जिले में 1250 विरासत पेड़ दादरी रेंज की रेंजर अधिकारी अनामिका ने बताया कि अच्छेजा और ओखला पक्षी विहार के अलावा जिले में विरासत पेड़ों की संख्या 1250 है।
ओखला की विरासत वाटिका में 2500 पौधे लगाए जाने की योजना है।
वाटिका के सभी पेड़ पौधों की टैगिंग भी कराई जाएगी। इसके साथ ही सभी महत्वपूर्ण पेड़ों और पौधों पर एक प्लेट लगाई जाएगी।
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