Noida News: विभाग ही कुपोषण का बना शिकार, उधारी के मकान में चल रहे सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र

विभागीय अफसरों के मुताबिक, जिन आंगनबाड़ी केंद्रों के खुद के भवन नहीं हैं।

उनको किराए पर भवन लेने के लिए तीन हजार बजट मिलता है।

फिलहाल गौमबुद्धनगर में तीन हजार रुपए में आंगनबाड़ी केंद्र के लिए तय मानक के अनुसार भवन मिलना संभव नहीं है।

यदि कहीं पर मिल भी जाए तो रसोई, शौचालय, बारामदा समेत अन्य सुविधांए नहीं होंगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में यह होनी चाहिए सुविधाएंआंगनबाड़ी केंद्र के भवन में कमरा, बारामदा व रसोईघर, दो शौचालय, खेल का मैदान, खेल सामग्री, खिलौने, पीने के पानी की व्यवस्था, बिजली कनेक्शन समेत अन्य मूलभूत सुविधाएं। बच्चों, किशोरी व गर्भवती महिलाओं को ये मिलनी हैं सेवाएंछह वर्ष से कम आयु के बच्चों का टीकाकरण व अनुपूरक पोषण, गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव पूर्व देखभाल और टीकाकरण, अनुपूरक पोषण, 15-45 वर्ष के आयु वर्ग की सभी किशोरी व महिलाओं के लिए पोषण और स्वास्थय शिक्षा की सुविधा।

3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को अनौपचारिक विद्यालयपूर्व शिक्षा प्रदान करना। गौतमबुद्धनगर जिले में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अपने करीब 150 भवन ही हैं, जिनमें आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।

यह सभी भवन कई वर्ष पहले बने थे।

विभागीय भवनों को निर्माण मनरेगा के सहयोग से बनते हैं।

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