Noida Accident: सही जगह होता यूनीपोल का बेस तो न बुझता दो घरों का चिराग! नियम का नहीं हुआ पालन

यातायात पुलिस ने 10 वर्ष पहले नोएडा प्राधिकरण के नोएडा ट्रैफिक सेल (एनटीसी) के माध्यम से हाईवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एचटीएमएस) योजना लॉन्च कराई थी, जिसमें माध्यम से ई-चालान की सुविधा शुरू की गई। अब यह मॉडिफाई होकर इंट्रीग्रेटेड सिक्योर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) में तब्दील हो चुकी है।

यातायात पुलिस की ओर से सुरक्षित सफर के लिए इन्हीं यूनीपोलों पर कैमरों को लगाकर ई-चालान व मॉनिटरिंग का काम सेक्टर-94 स्थित कमांड कंट्रोल रूम से किया जा रहा है। ईशान हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर भी लगाए गए हैं।

इसके पीछे दो उद्देश्य हैं।

एक कोई जानवर या व्यक्ति अचानक हाईवे पर न आने पाए।

दूसरा यदि कोई वाहन अनियंत्रित होकर हाईवे से नीचे जाए तो वह क्रैश बैरियर से टकराकर रुक जाए।

वाहन चालाकों को गंभीर चोट न आए। ड्रेन की वजह से तो आगे नहीं लगाया मयूर स्कूल के पास हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर के बाद ड्रेन है।

माना जा रहा है कि इस वजह से ही यहां यूनीपोल का बेस क्रैश बैरियर के बाद न बनाकर पहले बना दिया गया है। लोगों का कहना है कि यदि यूनीपोल का बेस नियमानुसार क्रश बैरियर के बाद बना होता तो कार पहले उससे टकराती।

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