साथी ने दुनिया को अलविदा कहा, मगर दोस्तों ने नाम जिंदा रखा...देते हैं गरीबों का भोजन, बीमार को खून और बेसहारा लोगों को सहारा

कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में जरूरतमंदों की मदद के लिए तरुण सक्सेना, रवि यादव (पूर्व छात्रसंघ उपसचिव), संजय और तुषार ने सात साल पहले रोटी बैंक की स्थापना की थी।

अक्टूबर 2018 में संस्था का पंजीकरण भी करा लिया।

शुरुआत में शादी या किसी अन्य समारोह में बचे साफ खाने को लेकर ये युवा बस स्टेशन या शहर की अन्य व्यस्त जगहों पर लेकर पहुंचते थे, मगर एक बार एक बेसहारा बुजुर्ग ने इनसे कहा कि आज वो खाना नहीं लेगा। वजह पूछने पर उसने कहा कि एक दिन तो बढ़ियां खाना खिला देते हो, लेकिन फिर दो-तीन दिन आते नहीं।

इसके बाद उसी समय तीनों ने तय कर लिया कि खुद का किचन तैयार करेंगे, क्योंकि रोज-रोज तो किसी समारोह से खाना नहीं मिल पाता।

इसके बाद किराए की जगह लेकर खाना तैयार कर जगह-जगह लोगों तक पहुंचाने लगे, मगर 26 अगस्त 2020 को एक दुखद हादसे ने युवाओं की इस टोली को सदमे में डाल दिया। कोरोना के उस दौर में गरीबों को खाना बांटकर लौट रहे रवि यादव की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।

इस घटना के दो दिन बाद ही तरुण और साथियों ने संस्था का नाम बदलकर रवि रोटी बैंक कर दिया, ताकि जरूरत के वक्त हर व्यक्ति की जुबां पर उनके साथी का नाम आए।

वहीं, एक साल पूर्व नगर निगम की ओर से बाजार में स्थित डीके पार्क में संस्था को किचन के लिए जगह भी दे दी गई।

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