जून 2023 से कोमा में है पति, पत्‍नी के पक्ष में Uttarakhand High Court ने दिया ऐतिहासिक निर्णय

अदालत ने अपने निर्णय में कहा है कि अभिभावक के रूप में महिला किसी भी ऐसे दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की हकदार होगी जिस पर उसके पति के हस्ताक्षर किए जाने की आवश्यकता है।

कोर्ट ने अनुमति इस शर्त के साथ दी कि यदि उसके पति की तबियत ठीक हो जाती है और वह स्वस्थ जीवन जीना शुरू कर देते हैं, या अधिकार का दुरुपयोग या वित्तीय अनियमितता होती है, या फिर यदि उपचार के संबंध में देखभाल, संरक्षण व सहायता की आवश्यकता होती है, या अन्य आवश्यक चीजें उपलब्ध नहीं कराई जाती हैं तो इस अनुमति को रद किया जा सकता है।

महिला के अनुसार उनका 2022 में मुकेश के साथ विवाह हुआ और उनकी एक साल की बच्ची भी है।

पति पिछले साल दो ब्रेन स्ट्रोक के बाद कोमा में चले गए थे।

वह नैनीताल के प्रतिष्ठित निजी कालेज में स्पोर्ट्स टीचर हैं और वेतन करीब 35 हजार मासिक हैं।

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उनकी बेटी का आधार कार्ड बन सके और वह अपने पति के बैंक खाते का प्रबंधन कर सकें।

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