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Uttarkashi Mosque Dispute: नैनीताल हाई कोर्ट पहुंचा मामला, अदालत ने दिए धार्मिक स्थलों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश
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- Friday | 22nd November, 2024
1987 में जामा मस्जिद भटवाड़ी रोड, उत्तरकाशी को वक्फ संपत्ति के रूप में पंजीकृत किया गया।
सितंबर 2024 से खुद को संयुक्त सनातन धर्म रक्षा संघ और विश्व हिंदू परिषद के सदस्य बता रहे हैं, मस्जिद को ध्वस्त करने की धमकी दे रहे हैं।
मस्जिद की वैधता के संबंध में गलत जानकारी फैला रहे हैं।मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध अभद्र भाषा बोल रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि निजी प्रतिवादी ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर मुसलमानों और मस्जिद के विरुद्ध नफरत भरा भाषण दिया है, जो अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का उल्लंघन है। सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश पारित किया है कि नफरत फैलाने वाले भाषण के किसी भी मामले में, भले ही कोई शिकायतकर्ता न हो, राज्य के अधिकारी नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के विरुद्ध स्वत: संज्ञान लेते हुए आईपीसी की धारा 153ए, 153बी, 295ए और 505 के तहत मामला दर्ज करेंगे।यह भी पढ़ें- उत्तराखंड की वादियों में वक्त बिताना चाहते हैं तो खबर आपके लिए, तीन पहाड़ी इलाकों के लिए शुरू होगी हेली सेवा खंडपीठ ने राज्य के डीजीपी से स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं ।
साथ ही जिलाधिकारी व एसपी उत्तरकाशी को याचिका में उल्लिखित धार्मिक स्थल के आसपास सख्त कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
मामले में अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। आरटीआइ की जानकारी के बाद उपजा विवादनैनीताल: याचिका में बताया गया है यह विवाद आरटीआइ से उपजा है।
जिसमें उत्तरकाशी जिलाधिकारी कार्यालय ने इस साल अगस्त में मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराते हुए कहा कि मस्जिद के नाम पर कोई फ्री होल्ड या लीज वाली संपत्ति नहीं है।
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