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Parkinson के रोगियों के लिए अच्छी खबर, जानवरों के बाद मानव में भी दवा का परीक्षण सफल
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- Wednesday | 28th August, 2024
2012 में प्रकाशित हुआ था शोध कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. डीएस रावत के अनुसार 2012 में प्रसिद्ध जर्नल नेचर कम्यूनिकेशन में मलेरिया के ट्रीटमेंट पर शोध प्रकाशित हुआ था।
जिसके बाद क्लोरोकीन के पार्ट से दवा बनाने का विचार आया।
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उसी साल मैकलीन अस्पताल अमेरिका के प्रो. किम ने पार्किंसन रोग के उपचार के लिए अणु विकसित करने में सहयोग के लिए संपर्क किया था।
टीम ने छह सौ से अधिक यौगिकों की जांच की।
इसके बाद विकसित अणु (कोड एटीएच 399ए) का चिकित्सकीय परीक्षण शुरू किया गया।
प्रो. रावत के अनुसार 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय व मैकलीन अस्पताल अमेरिका के बीच समझौता हुआ था।
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