Nainital में पेड़ों को काटकर पर्यावरण को पहुंचाया जा रहा नुकसान, सच जान NGT हैरान

इस मामले में नैनीताल डीएफओ चंद्रशेखर जोशी की ओर से दाखिल जवाब में ऐसे उदाहरण दिए हैं, जहां कुछ व्यक्तियों से पेड़ों की अवैध कटाई के लिए मामूली रकम वसूली गई है, लेकिन कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि वन विभाग को पिछले साल अगस्त में पेड़ों की कीमत के हिसाब से नहीं, बल्कि दंडात्मक मापदंडों के हिसाब से वसूली के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, ताकि कोई भी पेड़ों को काटने की हिम्मत न कर सके और नियमों के अनुसार मुकदमा चलाया जा सके।

98 पेड़ों को गिराने के लिए 4.94 लाख रुपये अर्थदंड वसूला डीएफओ ने नैनीताल शहर में 98 पेड़ों को गिराने के लिए आरोपितों से 4.94 लाख रुपये का अर्थदंड वसूलने की जानकारी दी।

एनजीटी ने इस मामले में अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ को न्यायमित्र नियुक्त किया है।

उन्होंने एनजीटी को बताया कि वर्ष 2017 से 2022 तक पांच वर्षों के दौरान पेड़ काटने वाली समिति ने 365 पेड़ों को काटने की अनुमति दी।

पेड़ काटने व पातन की अनुमति देने वाली पातन समिति में विशेषज्ञ और स्वतंत्र, तटस्थ विचार के लोग नहीं बल्कि राजनीतिक पैनल अधिक है।

अधिकांश सदस्य पार्षद और होटल व्यवसायी हैं।

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