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Nainital High Court ने राज्य में वन भूमि, नदियों पर अतिक्रमण मामले में मांगी स्टेटस रिपोर्ट, दिया चार सप्ताह का समय
- न्यूज़
- Wednesday | 26th June, 2024
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में देहरादून की रीना पाल की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
जिसमें कहा गया है कि नदी सूखने की स्थिति में है।
नदी का अस्तित्व खतरे में है।
इस दौरान सरकार की ओर से याचिका का विरोध करते हुए कहा कि हाई कोर्ट इसी तरह के एक मामले में 2021 में आदेश जारी कर चुका है। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवाक्ता ने जानकारी दी कि कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है।
जिसके बाद कोर्ट ने पूछा कि उस आदेश के अनुपालन में क्या कार्रवाई की गई और सरकार को स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
हाई कोर्ट ने 2021 में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पाया था कि दस निजी व्यक्तियों ने देहरादून में सरकारी जमीन पर मकान बनाकर अतिक्रमण किया है। तब कोर्ट ने जिला प्रशासन को अतिक्रमणकारियों को उनका पक्ष सुनने का पर्याप्त अवसर देकर उनके विरुद्ध कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया था।
इसके अलावा मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सर्वे ऑफ इंडिया एक जनवरी 2020 से शुरू होकर तीन साल की अवधि के भीतर पूरे उत्तराखंड राज्य का सर्वेक्षण पूरा करे। सर्वेक्षण में शहरीकरण की सीमा, वनों की सीमा के साथ ही जल निकायों, पहाड़ों और अन्य प्राकृतिक संसाधन भी शामिल होंगे।
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