- होम >>
Banbhoolpura Encroachment: सरकार को 50 हजार से अधिक लोगों का करवाना होगा पुनर्वास, जमीन की तलाश करना बड़ी चुनौती
- न्यूज़
- Thursday | 25th July, 2024
अतिक्रमण हटेगा तो ट्रेनें पकड़ेंगी रफ्तार सरकार व रेलवे दोनों ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के आधार पर बनभूलपुरा में काम किया तो रेलवे का विस्तार होगा और नई ट्रेनें रफ्तार पकड़ेंगी।
काठगोदाम को पहले चौहान पाटा के नाम से जाना जाता था।
1901 तक यह 300 से 400 की आबादी वाला गांव हुआ करता था।
1884 में अंग्रेजों ने हल्द्वानी और इसके बाद काठगोदाम तक रेलवे लाइन बिछाई।
तभी से इस जगह का व्यावसायिक महत्व ज्यादा बढ़ गया और यह राष्ट्रीय महत्व की जगह बन गया।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन को कुमाऊं का आखिरी स्टेशन भी कहते हैं।
शुरुआती दौर में काठगोदाम से सिर्फ मालगाड़ी ही चला करती थी, लेकिन बाद में सवारी गाड़ी भी चलने लगी।
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.
Read more Nainitalकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।
डिसक्लेमर :ऊपर व्यक्त विचार इंडिपेंडेंट NEWS कंट्रीब्यूटर के अपने हैं,
अगर आप का इस से कोई भी मतभेद हो तो निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखे।