Unnao Accident: न परमिट, न फिटनेस और न ही बीमा... फिर भी धड़ल्ले से दिल्ली-जयपुर तक रफ्तार भर रहीं टूरिस्ट बसें

इतने बेखौफ क्यों है बस संचालक? बसों के संचालन के लिए सरकार ने कई नियम बनाए हैं, लेकिन सभी को ताक पर रखकर निजी संचालक बसों का संचालन करा रहे हैं।

टूरिस्ट परमिट पर यात्री बसों को चलाया जा रहा है। उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में स्टैंड से जयपुर, कोटा, दिल्ली, आगरा, ग्वालियर, गुरुग्राम, रांची, सिलीगुड़ी तक बसें जाती हैं।

इनके कागजात की जांच न खुलने के समय की जाती और न कहीं रास्ते में होती है।

इस कारण बस संचालक बैखौफ और गलत तरीके से बस का संचालन करते हैं। सीतामढ़ी के हरिमंगल झा कहते हैं कि जिले में चोरौत, मधुबनी बार्डर पर साहरघाट, सुरसंड के भिट्ठामोड़, सोनबरसा बार्डर, पुपरी और नानपुर से बसें खुलती हैं।

टिकट पहले से काटकर बना रहता है।

वहां बस का स्टाफ टिकट काटकर मौजूद होता है।

बस आती है, उसपर पैसेंजर को बैठा देता है। यात्रियों के साथ सामान की भी होती लोडिंग निजी बसों में यात्रा करनेवाले यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जाता है।

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