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‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ करने वाले दो शातिर गिरफ्तार, CBI अफसर बन करते थे ऐसा खेल… शिकार हुए शख्स के उड़ जाते थे होश
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- Thursday | 23rd May, 2024
यह है पूरा मामला 25 मार्च 2024 को वादी निरंजन सिंह ने गाजीपुर थाना में मुकदमा दर्ज कराया था।
वादी ने बताया कि अज्ञात नंबर से फोन कर एक व्यक्ति ने खुद को कस्टम अधिकारी बताकर कहा कि आपके नाम पर कंबोडिया से पार्सल बुक है।
उसमें कुछ जाली पासपोर्ट व एटीएम कार्ड मिला है, जिससे आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस हो गया है। उसने वादी की कॉल ट्रांसफर कर नकली सीबीआई और एनआईए अधिकारी से बात कराई।
उन आरोपियों ने वादी को डिजिटल हाउस अरेस्ट करने का फर्जी वारंट व कोर्ट का आदेश भेजा फिर बचाव के एवज में 30.50 लाख रुपये की ठगी कर ली। टेलीग्राम पर भेजा जाता था ओटीपी राजीव भसीन व मोहित चोपड़ा मिलकर फर्जी फर्मों के नाम पर बैंक खाता खुलवाकर विदेश में बैठे अपने आकाओं को टेलीग्राम पर ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेजते थे। सरगना इन खातों में आने वाले रकम को एटीओटीपी फारवर्डर नाम के ऐप के जरिए इस्तेमाल करते है।
इसमें ठगी की कुल रकम में 1.8 प्रतिशत राजीव भसीन व मोहित चोपड़ा को भेज देते थे। आरोपियों ने साई राम टेंट हाउस के नाम पर फर्जी फर्म बनाकर इंडसइंड बैंक में खाता खुलवाया था।
इस खाते में देशभर में लोगों से ठगी के कुल 39 घटनाओं के 1.68 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन मिला है। इसमें यूपी से एक, आंध्र प्रदेश से छह, हरियाणा से दो, महाराष्ट्र से दो, राजस्थान से तीन, तेलंगाना से छह, असम से दो, बिहार से एक, गुजरात से तीन, केरल से तीन, कर्नाटक से तीन, एमपी से दो, पश्चिम बंगाल में एक केस पंजीकृत है। यह भी पढ़ें: 44 गवाह, 16 सबूत और 66 दस्तावेज… गुनहगार को सजा दिलाने के लिए CBI ने 13 साल तक की मेहनत, कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला ।
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