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पश्चिम यूपी में क्यों डूबा कमल? इन चार सीटों पर सिकुड़ गया भगवा दायरा; केंद्रीय मंत्री की हार से समझिए पूरा माजरा
- न्यूज़
- Wednesday | 5th June, 2024
12 में सिर्फ चार यानी बुलंदशहर, मेरठ, गाजियाबाद एवं गौतमबुद्धनगर पर ही कमल खिला।
जबकि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव 2019 में हारी सीटों सहारनपुर, बिजनौर और नगीना में लगातार कैंप कर रहे थे।
राजनीतिक पंडित कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों ने नियमों का हवाला देते हुए जनता के सही काम करने से भी मुंह मोड़ा।
कार्यकर्ताओं को सांसदों एवं विधायकों के भ्रष्टाचार में लिप्त रहने की चर्चा ने और चिढ़ा दिया।
उधर, मुस्लिमों ने ध्रुवीकरण की धारा से स्वयं को दूर रखते हुए सधी रणनीति के साथ भाजपा को हराने वाले चेहरों को ही वोट दिया।
नगीना में चंद्रशेखर इसके सटीक उदाहरण हैं, जहां मुस्लिमों ने सपा व बसपा से दूरी बनाई। क्षत्रियों का आक्रोश संभाल नहीं सकी क्षेत्रीय इकाई भाजपा ने पहली बार पश्चिम क्षेत्र का अध्यक्ष क्षत्रिय चेहरे के रूप में सतेंद्र शिशौदिया को बनाया, लेकिन वह आक्रोशित ठाकुरों को संभाल नहीं सके और न ही भाजपा से जोड़ पाए।
किसान मजदूर संघ के अध्यक्ष ठाकुर पूरन सिंह ने सात अप्रैल को सहारनपुर के ननौता में क्षत्रिय स्वाभिमान सम्मेलन किया, जिसमें भारी भीड़ पहुंचने के बावजूद भाजपा ने इसे हल्के में लिया। 16 अप्रैल को मेरठ के सरधना में और बाद में सिसौली समेत कई स्थानों पर क्षत्रियों ने विरोध में सम्मेलन किए।
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