MLA Rafiq Ansari Case: बीमारी का बहाना काम न आया, मुलायजा बैरक में 40 बंदियों के बीच में रखे गए विधायक रफीक अंसारी

इन मुकदमों की जानकारी शपथ पत्र में छिपाकर चुनाव आयोग को गुमराह करने के साथ कानून का उल्लंघन किया गया है।

भाजपा नेताओं द्वारा दिए गए शिकायती पत्र की जांच सीओ सिविल लाइंस से कराने के आदेश दिए।

उसके लिए सीओ को एक सप्ताह का समय दिया गया है। स्वजन और पार्टी नेताओं ने जेल में की मुलाकात जिला कारागार में बंद विधायक रफीक अंसारी से मंगलवार को उनके स्वजन और पार्टी नेताओं ने मुलाकात की है।

उनके जेल अस्पताल में शिफ्ट किए जाने की चर्चा थी, इस पर वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा ने बताया कि रफीक अंसारी को मुलायजा बैरक में रखने की बात कही है। ये भी पढ़ेंः Deh Vyapar: पूर्व नौसेना अधिकारी के फ्लैट में देह व्यापार, अय्याशी का हर सामान मौजूद, शराब-कंडोम, यौन शक्ति की दवाएं आगरा पुलिस को मिलीं ये भी पढ़ेंः Agra: मेट्रोमोनियल साइट पर दोस्ती-अस्पताल में प्यार; होटलों में सहमति से बनाए शारीरिक संबंध अब शादी के नाम पर रार जिला जज की अदालत में जमानत की अर्जी नहीं लगी  सपा विधायक को कोर्ट ने पांच जून तक जेल भेज दिया है।

उसके बाद उनके अधिवक्ता ने मंगलवार को जमानत के लिए अर्जी लगाने का दावा किया था।

लेकिल रफीक अंसारी की तरफ से जिला जज की अदालत में मंगलवार को कोई अर्जी नहीं लगाई गई है।

अब बुधवार को जमानत अर्जी डालने की उम्मीद जताई जा रही है। लखनऊ में छिप गए थे रफीक अंसारी विधायक के दोनों घरों पर दबिश पड़ने के बाद वह यहां से लखनऊ निकल गए थे।

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