E-Filing Center : ई-फाइलिंग केंद्र से सुप्रीम कोर्ट में हो सकेगी वादों की सुनवाई, सुलभ न्याय की पहल हो रही साकार

ई-फाइलिंग केंद्र की मदद से उच्च न्यायालय में पहली याचिका भी दायर की जा चुकी है।

इस ई-फाइलिंग केंद्र की बड़ी खासियत होगी कि यहां सर्वोच्च न्यायालय में भी याचिका दायर करने की सुविधा भी मिलेगी। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 29 मई को विधिवत कचहरी परिसर में ई-फाइलिंग केंद्र का शुभारंभ जिला जज रजत सिंह जैन ने किया। केंद्र शुरू होने से अब न्याय के लिए मेरठ से 678 किमी की दूर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जाने की जरूरत नहीं होगी।

पहले ही दिन वरिष्ठ अधिवक्ता परवेज आलम ने केंद्र के माध्यम से पहली जमानत याचिका इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर की। याचिका से संबंधित कागजात की जांच के बाद सुनवाई के लिए तिथि निर्धारित की जाएगी।

इसकी जानकारी संबंधित अधिवक्ता को उनके मोबाइल पर संदेश के माध्यम से मिलेगी। पांच हजार का काम हुआ मात्र 45 रुपये में ई-फाइलिंग केंद्र पर अपने बेटे सोहेल की जमानत को याचिका दायर कराने वाली शबनम ने बताया कि उसके बेटे के विरुद्ध थाना खरखौदा में धारा 395 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में मार्च 2023 में वह इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए प्रयागराज गई थीं।

इसमें उसके करीब पांच हजार रुपये खर्च हुए थे और तीन दिन का समय लगा था। हाई कोर्ट से उसके बेटे की जमानत मिल गई थी।

28 दिसंबर 2023 को पुलिस ने सोहेल पर उत्तर प्रदेश राज्य अंतर्गत धारा 2/3 गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की। इस मामले में सोहेल 28 फरवरी से जेल में है।

जिला जज कोर्ट ने 13 मार्च को सुहेल की जमानत खारिज कर दी।

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