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नई थ्रीडी इमेजिंग तकनीक से कैंसर की जड़ को खोजना हो जाएगा सस्ता, अमेरिका में मेरठ के वैज्ञानिक ने विकसित की टेक्नोलॉजी
- न्यूज़
- Sunday | 8th September, 2024
किफायती और सटीक परिणाम देना रहा चुनौतीपूर्ण गढ़ रोड स्थित खेड़की पट्टी गांव के मूल निवासी प्रोफेसर राजू तोमर पुत्र चंद्रपाल सिंह तोमर के अनुसार नई तकनीक व वैज्ञानिक प्रगति ने शोधकर्ताओं को विशिष्ट रसायनों का उपयोग करके बड़े टिशू बायोप्सी को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने में सक्षम बना दिया है।
इस क्षेत्र में सबसे आशा जनक तकनीकों में से एक लाइट शीट माइक्रोस्कोपी है, जो बड़े टिशू सैंपल की तेजी से और विस्तृत थ्रीडी इमेजिंग को सक्षम बनाती है।
यह थ्रीडी माइक्रोस्कोपी तकनीक बेहतरीन चित्र प्रदान करती हैं लेकिन बेहद महंगी है जिससे अधिकांश शोधकर्ताओं और चिकित्सकों तक यह तकनीक पहुंचती ही नहीं है।
इसे कम से कम लागत में बनाना ही चुनौतिपूर्ण था जिसमें सफलता मिली। गाजियाबाद से स्कूली शिक्षा, आइआइटी दिल्ली से स्नातक और जर्मनी से पीएचडी कर अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से शोध शुरू करने वाले प्रोफेसर राजू तोमर ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में अपनी शोध प्रयोगशाला बनाई है।
उन्होंने मेरठ की ही इंजीनियर श्रद्धा चौहान सहित वैज्ञानिकों की अपनी टीम के साथ इस तकनीक का किफायती संस्करण पीएसएलएम यानी प्रोजेक्टेड लाइट शीट माइक्रोस्कोपी तैयार किया है।
यह आकार में छोटा और ले जाने में आसान है। नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जर्नल में प्रकाशित हुआ शोध प्रोफेसर राजू तोमर का यह शोध प्रतिष्ठित जर्नल नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में 29 अगस्त को प्रकाशित हुआ है।
उनकी टीम ने पीएलएसएम को साधारण उपभोक्ता उपकरणों, पाकेट लेजर प्रोजेक्टर, मिनी कंप्यूटर और सोनी कैमरा चिक का इस्तेमाल का बनाया है।
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