श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर उमा भारती का बड़ा बयान, मथुरा में बोलीं- कोर्ट में नहीं मंदिर में है...

मंदिर पक्ष ने इस दलील का विरोध यह कहते हुए किया कि अदालत को एक ही मुद्दे को लेकर दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई का अधिकार है।

दो या अधिक वादों को एकीकृत कर सुनवाई करने का विवेकाधिकार है।

सभी वाद श्रीकृष्णजन्मभूमि स्थल से अवैध कब्जा हटाकर कटरा केशव देव को कब्जा सौंपने से संबंधित हैं।

मूल मांग एक ही है। कोर्ट ने श्रीकृष्णजन्म भूमि व शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में दाखिल 15 सिविल वादों को इसी साल 11 जनवरी, 2024 को एक साथ सुनने का आदेश दिया था।

इसके बाद वादों की पोषणीयता पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मस्जिद पक्ष की आपत्ति खारिज कर दी थी तथा वाद बिंदु तय करने के लिए पक्ष रखने का आदेश दिया।

वाद बिंदु तय होने से पूर्व रिकाल अर्जी दायर कर दी गई। मस्जिद पक्ष से तसनीम अहमदी व महमूद प्राचा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए दलील रखी।

कहा कि अलग-अलग मांग के साथ दाखिल वादों की एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती।

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