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घाटे के लिए इंजीनियर नहीं निजी क्षेत्र की महंगी बिजली है जिम्मेदार, UPPCL के आंकड़ों को किसने बताया भ्रामक
- न्यूज़
- Wednesday | 27th November, 2024
एनटीपीसी की बिजली 4.78 रुपये प्रति यूनिट है जबकि निजी क्षेत्र की बिजली 5.59 रुपये प्रति यूनिट में खरीदी जा रही है।
यही नहीं निजी क्षेत्र से शार्ट टर्म सोर्सेज से तो 7.53 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदी जाती है।
गौर करने की बात है कि ओडिशा में बिजली खरीद की लागत 2.33 रुपये प्रति यूनिट है।
दुबे ने स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रदेश में निजी क्षेत्र से महंगी दरों पर बिजली खरीदने के बाद उसे घाटा उठाकर सस्ती दरों में बेचा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में घाटे का यही सबसे बड़ा कारण है।
समिति के अध्यक्ष ने बताया कि मुंबई में निजी क्षेत्र की टाटा पावर कंपनी की बिजली दरें भी कहीं ज्यादा हैं।
घरेलू उपभोक्ताओं से 100 यूनिट तक 5.33 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 300 यूनिट तक 8.51 रुपये प्रति यूनिट, 301 से 500 तक 14.77 रुपये प्रति यूनिट और 500 से यूनिट से अधिक पर 15.71 रुपये प्रति यूनिट वसूला जा रहा है।
इससे साफ है कि उपभोक्ताओं के हितों को न देखते हुए निजी कंपनियां भारी मुनाफा कमा रही हैं। यह भी पढ़ें: UP Electricity: यूपी में निजी हाथों में सौंपी जाएगी बिजली आपूर्ति व्यवस्था, UPPCL ने लिया बड़ा फैसला ।
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