अगले तीन साल में यूपी को ऊर्जा सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की तैयारी, बंजर भूमि पर पैदा होगी 2000 मेगावाट बिजली

राज्य सरकार सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही है।

इसमें 4800 मेगावाट क्षमता के सोलर पार्कों का निर्माण भी शामिल है, जिनकी टेंडरिंग प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। इसके अलावा, प्रदेश में सात जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स की स्थापना की योजना भी है, जिसे नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी), टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (टीएचडीसी) और सतलज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) के साथ मिलकर पूरा किया जाएगा।

सरकार का लक्ष्य 2027 तक राज्य की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 14,000 मेगावाट तक पहुंचाना है। जैव ऊर्जा के साथ ही पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही सरकारप्रदेश सरकार ने अगले दो वर्ष में बायो कंप्रेस्ड गैस की क्षमता को 1000 टीपीडी, बायो कोल की क्षमता को 4000 टीपीडी और बायो डीजल की क्षमता को 2000 केएलपीडी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

बायो कंप्रेस्ड गैस के 210 टीपीडी की क्षमता वाले संयंत्र पहले से ही क्रियाशील हैं। इस पहल से प्रदेश में प्रदूषण कम होगा और रोजगार की नई संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

इसके साथ ही भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी सरकार ने बिजली आपूर्ति के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने का निर्णय लिया है।

अगले 10 वर्षों के दौरान होने वाले नए उद्योगों की स्थापना को ध्यान में रखते हुए आधुनिक ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाने और पुराने संयंत्रों का उन्नयन किए जाने का पूरा खाका योगी सरकार ने पहले ही खींच रखा है। इसे भी पढ़ें: महाकुंभ में दुकान लगाने को लेकर बवाल, अखाड़ा परिषद और मुस्लिम जमात आमने-सामने; महंत बोले- हमें मक्का और मदीना... ।

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