होटल लेवाना अग्निकांड मामले में पुलिस ने मालिक पवन का किया बयान दर्ज, होटल में गैर-इंतजाम पर उठाए गए सवाल

संक्षेप:

  • होटल लेवाना अग्निकांड मामले में मालिक पवन को मिली अग्रिम जमानत।
  • पुलिस ने बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी कर थाने बुलाया।
  • होटल में वेंटीलेशन का नहीं था कोई प्रबंध - प्रभारी निरीक्षक।

लखनऊ. होटल लेवाना सुइट्स में पांच सितंबर की सुबह अचानक आग लग गई थी। हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। इस मामले में होटल के तीन मालिकों पवन अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल व जीएम सागर श्रीवास्तव के खिलाफ केस दर्ज किया गया। शुक्रवार को आरोपी पवन अग्रवाल हजरतगंज थाने पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराया। इस दौरान वह होटल कर्मियों की लापरवाही की बात कुबूल की। करीब दो घंटे तक उनसे पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की। पवन अग्रवाल को कोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है।

होटल लेवाना के मालिक का किया गया बयान दर्ज

कोर्ट से होटल लेवाना सुइट्स के मालिक पवन अग्रवाल को अग्रिम जमानत मिली। इसके बाद उनको हजरतगंज थाने की पुलिस ने नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया। वह शुक्रवार को हजरतगंज व्हील चेयर पर पहुंचे। उनके वकील भी थाने में मौजूद थे। सुबह करीब 10.30 बजे पवन अग्रवाल थाने में पहुंच गये। फिर उनको विवेचना कक्ष में ले जाया गया। जहां वकीलों के सामने पवन अग्रवाल का बयान दर्ज कराया गया। इस दौरान विवेचक के अलावा कई पुलिसकर्मी मौजूद थे। वहीं इस मामले में गिरफ्तारी दो मालिकों राहुल व रोहित अग्रवाल और जीएम सागर श्रीवास्तव को 6 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। जो अभी जेल में बंद है। इन सभी पर लापरवाही व गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज है।

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होटल में वेंटीलेशन का नहीं था कोई प्रबंध – प्रभारी निरीक्षक

प्रभारी निरीक्षक हजरतगंज अखिलेश मिश्रा के मुताबिक होटल लेवाना सुइट्स में 5 सितंबर को आग लग गई थी। हादसे में चार की मौत हो गई थी। एसएसआई दयाशंकर द्विवेदी की तहरीर पर देर रात को केस दर्ज किया गया। इस मामले में तीन आरोपियों होटल के मालिक राहुल अग्रवाल, रोहित अग्रवाल और महाप्रबंधक सागर श्रीवास्तव को 6 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि होटल के मालिकों व महाप्रबंधक ने अग्निकांड से सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किये थे। इमरजेंसी में निकलने व प्रवेश के लिए कोई इंतजाम नहीं था। बिजली व्यवस्था अनियमित थी। होटल में वैंटीलेशन का कोई प्रबंध नहीं था। असुरक्षित तरीके से रसोई गैस के सिलेंडर रखे गये थे। खिड़कियों के बाहर लोहे के रॉड लगाये गये थे। इसके कारण अग्निशमन कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आरोप है कि होटल मालिक व प्रबंधक को मालूम था कि किसी इमरजेंसी में लोगों की जान जा सकती है। लेकिन इसके बचाव का कोई उपाय नहीं किया गया था। इसी लापरवाही के कारण 5 सितंबर को  अग्निकांड हुआ। जिसमें चार लोगों को जान गवानी पड़ी थी। 

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