Jagran Samvadi 2024: ‘संविधान और आरक्षण’ विषय पर बेबाकी से रखे विचार, आरक्षण के मूलभूत उद्देश्यों की प्राप्ति पर मंथन

ये भी पढ़ेंः Jagran Samvadi 2024: आखिरी सत्र में भगवती चरण वर्मा की कहानी पर रंगकर्मी रूपाली चंद्रा की एकल प्रस्तुति, भावविभोर हो गए दर्शकअश्वनी उपाध्याय ने कहा कि आरक्षण देकर समान अवसर मिल ही नहीं सकता।

समानता तब आएगी जब मालिक और मजदूर के बच्चों की किताब एक होगी।

इसके लिए देश में समान शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।

यह भी कहा कि दलित समाज घटिया कानून की मार झेल रहा है।

देश में वक्फ बोर्ड की 10 लाख एकड़ जमीन में से छह लाख एकड़ दलितों की भूमि कब्जा करके हासिल की गई है।

दलितों को आर्थिक न्याय दिलाने के लिए पुलिस-प्रशासन और न्यायपालिका से भ्रष्टाचार खत्म करना जरूरी है।

आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा का निर्णय अत्यंत दुखद : धीरेंद्र दोहरेधीरेंद्र दोहरे ने आरक्षण की स्थिति की समीक्षा को समीचीन बताने के साथ यह भी कहा कि राज्यों को आरक्षण में कोटा के अंदर कोटा तय करने का अधिकार देने का निर्णय अत्यंत दुखद है।

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