`निजीकरण की जरूरत नहीं`, UP पावर कॉरपोरेशन में PPP मॉडल के विरोध में विद्युत उपभोक्ता परिषद; बताया-कैसे होगा फायदा

उत्तर प्रदेश पावर आफिसर्स एसोसिएशन ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पूरे प्रदेश में वंचित व पिछड़े वर्ग के अपने सदस्यों के साथ बैठक की।

एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि किसी भी हालत में पावर कारपोरेशन का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा।

निजीकरण से निजी घराने वंचित, पिछडे वर्ग व आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के आरक्षण को छीन लेंगे। पांच कंपनियों में बंटेगा पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को विभाजित कर पांच नई कंपनियां बनाने का निर्णय लिया है।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को तीन और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को दो नई कंपनियों में बांटा जाएगा।इन नई कंपनियों में प्रत्येक के पास करीब 30 लाख से 35 लाख उपभोक्ता होंगे।

निजीकरण के साथ ही किसी एक निजी घराने के एकाधिकार को खत्म करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।यूपीपीसीएल मुख्यालय शक्ति भवन में गुरुवार को प्रबंधन की बैठक में इस पर मंथन किया गया। बैठक में यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष गोयल भी मौजूद रहे।

सहमति बनी कि निजी क्षेत्र से पार्टनरशिप के लिए पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम को पांच हिस्सों में बांटना ही बेहतर होगा।

पांच कंपनियों के बनने से कई निवेशक आएंगे और प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।नई कंपनियों की सीमाएं इनके मंडलों व जिलों में इस तरह से किए जाएंगे कि इनके प्रशासनिक नियंत्रण में असुविधा न हो।

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