लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में मिली `संजीवनी`, अब शुरू हुई अंदरूनी कलह; पार्टी में जोड़तोड़ की सियासत तेज

एक-दूसरे पर फोड़ा जा रहा हार का ठीकरा पार्टी के बहुत कम मतों के अंतर से लोकसभा चुनाव हारने का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ा जा रहा है।

यह लड़ाई लगातार मंचों पर सार्वजनिक भी हो रही है।

शहर अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी के विरुद्ध मोर्चा खुला है तो कांग्रेस प्रत्याशी रहे आलोक मिश्र भी उनके पाले में खड़े हैं।

पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी, दिलीप शुक्ला समेत कई नेता इन दोनों के साथ गोलबंदी कर चुके हैं। उधर, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के करीबी रहे अतहर नईम, पूर्व कार्यवाहक शहर अध्यक्ष कृपेश त्रिपाठी, प्रदेश महासचिव हर प्रकाश अग्निहोत्री, संदीप शुक्ला अलग खेमे में जुड़ गए हैं।

इसी तरह, दक्षिण में पूर्व प्रदेश सचिव विकास अवस्थी, वर्तमान सचिव जेपी पाल पाला खींचे हैं। गोविंद नगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी करिश्मा ठाकुर, महापौर का चुनाव लड़ीं आशनी अवस्थी समेत और नेता पद पाने की होड़ में हैं।

कोई महानगर कांग्रेस कमेटी के पक्ष में है, कई पहले जैसे उत्तर-दक्षिण व नगर-ग्रामीण कमेटी चाहते हैं। शहर से लेकर वार्डों-बूथों तक लगी होड़ लोकसभा चुनाव में मजबूती संग मैदान में उभरी कांग्रेस में अब शहर, दक्षिण, ग्रामीण से लेकर वार्डों व बूथों तक पद पाने की होड़ लगी है।

अपने-अपने करीबियों को पद दिलाने के लिए नेता खेमे में बंटे हैं।

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