UP News:...तो इस बार सपा को मिल गया `मंदिर` की राजनीति का लाभ; अखिलेश की पार्टी के लिए `वरदान` साबित हुई ये वजह

प्रत्याशी के तौर पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव वहां पूजन को पहुंचे, लेकिन उनके प्रस्थान के बाद शुद्धि के नाम पर स्थानीय लोगों संग भाजपाइयों ने मंदिर की जो धुलाई की तो पिछड़े और वंचित वर्ग को लगा कि एक खास वर्ग उनके नेता के प्रति अनुचित व्यवहार कर रहा है, जाति के नाम पर विभेद कर रहा है। जो एक छोटी सी घटना लग रही थी, उससे केवल कन्नौज लोकसभा ही नहीं, पड़ोस की इटावा और जालौन जैसी सुरक्षित सीटों पर तो असर हुआ ही, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, अंबेडकरनगर के अलावा अयोध्या और पूर्वांचल की कई सीटों पर भी प्रभाव हुआ।

लोधी बहुल हमीरपुर में भी भाजपा हार गई।

सशंकित वंचित समाज के मन में यह बात गहरे बैठ गई जिसका परिणाम सपा को मिली अप्रत्याशित सफलता में स्पष्ट झलकता है। ये भी पढ़ेंः UP Weather: यूपी में गर्मी का प्रचंड कहर, अब तक 119 लोगों की मौत; मौसम विभाग ने मानसून पर दिया ताजा अपडेट कांग्रेस का भी साथ मिला अखिलेश यादव के गौरी शंकर मंदिर में विधिवत पूजन कर निकलने के थोड़ी देर बाद ही कुछ लोगों ने उनके साथ मुस्लिम समुदाय के लोगों के जूते पहन कर आने और थूकने के आरोप के साथ मंदिर को विधवित धोकर इसे प्रचारित कयिा।

अंबेडकरनगर से सपा के सांसद चुने गए लालजी वर्मा समेत कई लोगों ने मामले को आगे बढ़कर उठाया और आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने यह कार्य उन्हें अपमानित करने के लिए किया है। ये भी पढ़ेंः Banke Bihari Mandir: निर्जला एकादशी पर ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन को उमड़ी भीड़, आराध्य की एक झलक पाने को आतुर दिखे भक्त भाजपा के लोग पिछड़ों और वंचित वर्ग को मंदिर जाने से रोक रहे हैं।

ये वही लोग हैं जो मुख्यमंत्री आवास भी गंगा जल से धुलवा चुके हैं।

कांग्रेस का भी उन्हें साथ मिला। वंचित वर्ग के युवा जुड़े भारत में शुद्धि आंदोलन, दलितोत्धार और उनके मंदिर में प्रवेश राष्ट्रीय स्तर के मुद्दे रहे हैं।

वंचित वर्ग, खासकर युवा इससे अपने को भावनात्मक रूप से जुड़ा मानता है।

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