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UP News: यूपी के इस शहर में जनता से अभद्र व्यवहार करना पड़ा भारी, सात पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित
- न्यूज़
- Saturday | 6th July, 2024
पुलिसकर्मियों के आचरण और व्यवहार की सत्यता जानने के लिये पहले जनता के आरोपों का सत्यापन कराया और फिर कार्रवाई की।
फीडबैक सेल ने पहले जनता की बातों को सुना इसके बाद उनके द्वारा की गई शिकायतों का सत्यापन भी कराया। इसे भी पढ़ें-प्रयागराज से मुंबई रूट की 59 ट्रेनें 10 दिन रहेंगी निरस्त, जानिए कब से कब तक इस दौरान जिस भी पुलिसकर्मी का व्यवहार जनता के प्रति अभद्र पाया गया उसकी रिपोर्ट पुलिस आयुक्त को भेजी गई।
उस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आयुक्त ने दोषी सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की। इन लोगों पर हुई निलंबन की कार्रवाई पुलिस आयुक्त ने अनवरगंज थाने के दारोगा दुर्गेश प्रताप सिंह,बाबृूपुरवा थाने के हेडकांस्टेबल ग्रीसराज,बर्रा के हेडकांस्टेबल विजय, बेकनगंज के दारोगा केशव प्रसाद, कम्प्यूटर आपरेटर गौरीशंकर, बिठूर थाने के सिपाही सोनू यादव और चमनगंज के हेडकांस्टेबल मुस्तकीम को निलंबित किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिस भी पुलिसकर्मी की शिकायत जनता के प्रति उसकी शिकायत या आचरण खराब पाया जायेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसे भी पढ़ें- गोरखपुर में जून का सूखा जुलाई ने किया दूर, पहले पांच दिन कितनी हुई बारिश, जानकर हो जाएंगे हैरान चार्ज संभालते ही पुलिस की कार्यशैली सुधारने के लिये की थी पहल लगातार आलोचना में खड़ी पुलिसिंग पर कई शहरवासियों ने मरहम भी लगाया गया और 12 से 14 घंटे की ड्यूटी में राहत देने की भी राय दी। ज्यादातर सुझाव कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, बेढ़ंगी हो रही यातायात की चाल और पुलिस के आचरण और व्यवहार को सुधारने के लिये आए थे। विवेचक और महिला कांस्टेबल पर लगाया अभद्रता का आरोप चकेरी निवासी महिला ने दो साल पहले पति और उसके दोस्तों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया था।
जिसकी विवेचना अतिरिक्त इंस्पेक्टर अनिल पांडेय कर रहे है।
29 जून को महिला कांस्टेबल मंजूलेश ने मुकदमे से संबंधित साक्ष्य देने के लिए बुलाया था। अगले ही दिन वह साक्ष्य लेकर थाने पहुंची तो विवेचक नहीं मिले इस पर उन्होंने महिला कांस्टेबल मंजूलेश को साक्ष्य देने से मना कर दिया।
आरोप है कि विवेचक अनिल पांडेय के दबाव में महिला कांस्टेबल ने अभद्रता की और जबरन देर शाम तक थाने में बैठाए रखा। इसके बाद पीड़िता ने पुलिस आयुक्त अखिल कुमार से शिकायत कर मुकदमे का विवेचक बदलने की मांग की तो जांच चकेरी एसीपी दिलीप कुमार को सौंपी गई।
चकेरी एसीपी दिलीप सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में पीड़िता द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार है।
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