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नक्सली धमाके में कानपुर का लाल बलिदान, 30 मिनट पहले हुई थी पत्नी से बात; खबर सुनकर मां और भाई गश खाकर गिरे
- न्यूज़
- Monday | 24th June, 2024
आठ साल पहले हुआ था CRPF में चयन महाराजपुर के पुरवामीर में आने वाले गांव नौगवां गौतम निवासी 28 वर्षीय शैलेंद्र का सीआरपीएफ में करीब आठ साल पहले चयन हुआ था।
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा बिछाई गई आइईडी की चपेट में आकर वह बलिदान हो गए। बड़े भाई नीरज की पत्नी काजल ने बताया कि गुरुवार को शैलेंद्र ने फोन पर बात की थी।
मां से भी उसकी खूब सारी बातें हुई थीं।
कहा था कि जल्द वो छुट्टी लेकर घर आएगा, लेकिन क्या पता था कि इतनी जल्दी वो जिंदगी से ही हमेशा-हमेशा के लिए छुट्टी ले लेगा।
शैलेंद्र के बलिदान होने की सूचना पर चचेरा भाई राहुल गश खाकर गिर पड़ा।
मां बिजमा बार-बार बरामदे से उठकर बाहर निकलकर भागतीं।
वो छाती पीटते हुए कह रही थीं, कैसे पाल पोसकर बड़ा किया और आज अचानक ये क्या हो गया। तीन भाइयों में था सबसे छोटा, एक भाई व पिता का हो चुका निधन मां बिजमा ने बिलखते हुए बताया कि शैलेंद्र तीन भाइयों में सबसे छोटा था।
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