झांसी मेडिकल कॉलेज हादसा: आग बुझने के बाद भी धधक रहा था NICU वार्ड, लोगों की चीखें बता रही थीं… उन्होंने क्या खो दिया?

घटना की जानकारी होते ही मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत समेत कई जनप्रतिनिधि भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। खिड़की व दरवाजे तोड़कर बच्चों को निकाला बाहर मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के 2 कक्ष में नवजात शिशु भर्ती थे।

आग लगते ही वहां धुआं भरने लगा।

सूचना पर पहुंची पुलिस व सेना के जवानों ने अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपट तेज होने से वह अंदर नहीं जा सके।

सेना के जवानों ने वार्ड की खिड़की व दरवाजों को तोड़ा और अन्दर गये।

इसके बाद सेना के जवानों ने कुछ बच्चों को बाहर निकाला।  बच्चों को बचाने में झुलसा स्टाफआग लगने के बाद बच्चों को बचाने के लिये वार्ड में अफरा-तफरी मच गई।

नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में तैनात स्टाफ ने भी तत्परता दिखाते हुए वार्ड में भर्ती शिशुओं को किसी तरह बाहर निकाला।

बताया गया कि बच्चों को बाहर निकालने में स्टाफ भी झुलस गया, जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। वार्ड के अन्दर लगी मशीन जली नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में नवजात बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक मशीन को लगाया गया था।

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