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झांसी NICU अग्निकांड में बड़ा खुलासा, प्रतिबंधित एल्युमिनियम तारों से की गई थी मेडिकल कॉलेज में वायरिंग
- न्यूज़
- Wednesday | 20th November, 2024
इस पूरे मामले का दोषी जांच पूरी होने के बाद तय हो जाएगा, लेकिन इस घटनाक्रम में मेडिकल कालेज प्रशासन से भी बड़ी चूक हुई है।
दरअसल, शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी ने जून माह में मेडिकल कालेज का सर्वे कराया था। एल्युमिनियम तार से की गई थी वायरिंगसर्वे में विद्युत सुरक्षा निदेशालय ने वायरिंग फिटिंग व विद्युत उपकरणों के इंस्टालेशन में मानकों की कमी पाई थी।
इस दौरान यह भी सामने आया था कि मेडिकल कॉलेज में की गई वायरिंग में एल्युमिनियम के तार का भी इस्तेमाल किया गया है तो उपकरणों को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। विद्युत सुरक्षा निदेशालय झांसी के सहायक निदेशक सीबी चौबे ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेश पर जून 2024 में मेडिकल कालेज का विद्युत सुरक्षा विभाग व अग्निशमन विभाग ने संयुक्त सर्वे किया था।
इस दौरान एनआइसीसीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया गया था। मानकों के विपरीत थी वायरिंगजांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया था कि यहां वायरिंग, फिटिंग व इंस्टालेशन के काम मानकों के विपरीत हुए हैं।
जांच रिपोर्ट में सुधार के दिशा-निर्देश भी दिए गए थे।
मेडिकल कालेज प्रशासन ने सुधार कराने संबंधी कोई रिपोर्ट विभाग को नहीं दी है।
यह जांच रिपोर्ट निदेशालय भी भेजी गई थी। शासन स्तर से की जा रही जांच टीम के साथ आईं महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण किंजल सिंह के अनुसार मेडिकल कालेज हादसे की वजह शार्ट सर्किट ही है, लेकिन विस्तार से छानबीन करने पर सामने आया है कि विद्युत सुरक्षा विभाग ने विद्युत संबंधी कार्यों पर आपत्ति की थी।
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