झांसी NICU अग्निकांड पर मानवाधिकार आयोग भी सख्त, DGP व चीफ सेक्रेटरी से मांगा एक सप्ताह में जवाब

वहीं झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने रविवार को हुए बच्चे की मौत पर कहा- अग्निकांड में जिन भी बच्चों को रेस्क्यू किया गया था, वह पहले से ही गंभीर थे।

उनमें से दो की मौत हो गई है।

पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया है।मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया रविवार को जिस बच्चे की मौत हुई है, उसे जन्म के बाद बीमारी की हालत में एनआइसीसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था।

आग लगने के बाद उसे सुरक्षित निकाल कर दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर उपचार किया जा रहा था। एनएचआरसी ने झांसी की घटना को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है।

आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार घटना में अस्पताल के जिम्मेदारों द्वारा लापरवाही का संकेत मिलता है।

घटना के पीड़ित एक सरकारी संस्थान की देखरेख में थे, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहा। आयोग ने आपदा के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों पर जवाबदेही और विस्तृत स्पष्टता की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया है।

पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों को अपनी रिपोर्ट में शामिल करने को कहा है। नौ मृतकों के परिवार के खातों में भेजे गए पांच-पांच लाख रुपयेडीएम अविनाश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हादसे का संज्ञान लेते हुए मृत बच्चों के स्वजन को पांच-पांच लाख तथा घायल बच्चों के परिजन को 50-50 हजार की सहायता धनराशि की घोषणा की थी।

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