जमशेदुपर में 40 से ज्यादा छोटे-छोटे गैंग, सरगना जेल में और गुर्गे शातिराना अंदाज में दे रहे अपराधों को अंजाम

रंगदारी के लिए उसने परसुडीह में ईंट भट्ठा मालिक अजीत सिंह पर गोलियां चलाई।

इसके बाद टेल्को में चेसिस यार्ड ठेकेदार सुनील सिंह की हत्या सीटू तालाब के पास कर दी।फरार रहते उसने बिरसानगर ठेकेदार से रंगदारी मांगी और धमकी दी।जेल में बंद सजायाफ्ता भीम कामत का बिट्टू सहयोगी रहा है।

भीम कामत के सहयोगी सजायाफ्ता प्रकाश मिश्रा और उपेंद्र सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता सोनू सिंह ने नयन सिंह गिरोह बनाकर शहर में दहशत फैलाने को फायरिंग को अंजाम दिलवा रहे थे। गिरोह के दो सदस्य पकड़े गए।

गिरोह का मकसद दहशत फैलाने को रंगदारी वसूली करना था।

इसी तरह प्रभाष सिंह को पुलिस ने छह सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया था।शहर में सक्रिय आपराधिक गिरोह और उसके गुर्गों की सूची हमेशा तैयार होती है जो पुलिस, अपराध अनुसंधान विभाग और विशेष शाखा के पास रहती है।2019 में सीआइडी की रिपोर्ट थी कि जमशेदपुर में 40 आपराधिक गिरोह है।

हालांकि एसएसपी किशोर कौशल के कार्यकाल में वांटेड हरीश सिंह, गणेश सिंह, पूरन चौधरी की गिरफ्तारी की गई। क्या है संगठित अपराधकिसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, ठेके पर हत्या, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध, मानव तस्करी, ड्रग्स, हथियार या अवैध सामान या सेवाओं की तस्करी, वेश्यावृत्ति या फिरौती के लिए मानव तस्करी सहित कोई भी जारी गैरकानूनी गतिविधि। शहर में सक्रिय आपराधिक गैंगअखिलेश सिंह के जेल में रहने के बाद कन्हैया सिंह की सक्रियता बढ़ी शहर में सबसे अधिक एक समय सशक्त आपराधिक गिरोह का सरगना अखिलेश सिंह 2016 से दुमका जेल में बंद है जिसके बाद गिरोह के गुर्गे कन्हैया सिंह और हरीश सिंह समेत अन्य सक्रिय हो गए।

गिरोह से धमेंद्र प्रधान, करण सिंह, अजय सिंह, बंटी जायसवाल समेत कई का जुड़ाव लंबे समय तक रहा। गिरिडीह जेल में बंद गणेश सिंह का गिरोहगिरिडीह जेल में बंद मानगो निवासी गणेश सिंह का भी गिरोह सक्रिय रहा है।

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