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मेहनत और मर्म से सजाया सफलता का मेला, भारत की घुड़सवार बेटी की कहानी
- न्यूज़
- Wednesday | 2nd October, 2024
खुली आंखों से देखा है ओलिंपिक पदक का सपना वर्ष 2023 में चीन में हुए एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने पर मप्र सरकार ने सुदीप्ति को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार दिया।
किंतु यह राशि छह महीने के अभ्यास में ही खर्च हो चुकी।
अब महाद्वीप स्तर की कांटिनेंटल चैंपियनशिप के लिए और महंगे घोड़े की जरूरत होगी।
पिता कहते हैं इस खेल में प्रायोजक आसानी से नहीं मिलते। हम परिवार के लोगों से उधार ले रहे हैं और सरकार सहित सभी को पत्र लिखे हैं, ताकि कुछ मदद मिले।
वर्ष 2026 में फिर एशियन गेम्स होंगे और 2028 में ओलिंपिक।
सुदीप्ति का समर्पण इतना है कि भारत के लिए ओलिंपिक पदक जीतने से पहले वह रुकना नहीं चाहती।
वह उसकी आंखों का यह सपना ही माता-पिता के संघर्ष में भी चेहरे की चमक बना हुआ है। ।
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